Madhu Arora

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अनोखी दोस्ती

अनोखी दोस्ती भाग 3
अभी तक आपने पढ़ा, कि कैसे विनय कोयल को बेइज्जत करता है।
जिसमें कि कहीं भी कोयल की कोई गलती नहीं होती हर कोई  देखो वह उसको सुनाने बैठ जाता है। आज तो हद ही हो गई। सुबह से रेखा अपनी बहू को किसी ना किसी बात पर ताना देती रहती है "तू हमारे घर आने से पहले मर   क्यों नहीं गई। तू ही हमारे नसीब में लिखी थी ना शक्ल में ना सूरत में कितने गरीब घर से है"।

यह सब बातें सुनना तो कोयल की नियति हो गई थी बस वह फिर भी यह चाहती थी कि वह लोग कभी तो उसको समझे कभी तो उसकी बात सुने 'बस इसी भरोसे वह सब कुछ बर्दाश्त करती चली जाती है।

एक दिन शाम को तो हद ही हो गई विनय गुस्से में घर आता है और अपनी मम्मी से बोलता है "मम्मी मैं ऊपर जा रहा हूं मुझे कोई डिस्टर्ब ना करें मेरा मूड बिल्कुल ठीक नहीं है"।

रेखा और रमेश विनय से बार-बार पूछते हैं ।पहले तो बिना कुछ नहीं बोलता फिर बाद में बोलता है कि" मुझे नौकरी से फायर कर दिया है अब मैं क्या करूंँ"?
मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है!

रेखा हाथ नचाते हुए बोलती है हाय हाय "मेरा बेटा इतना काम करता था फिर भी उन्होंने नौकरी से निकाल दिया"।
रमेश बोलते हैं कोई बात नहीं "विनय यह कोई पहली और आखरी नौकरी तो नहीं है तुम और नौकरी ढूंढ लो !
चिंता मत करो हर महीने मेरी पेंशन तो आ ही जाती है उससे घर का गुजारा हो जाएगा"।

पर रमेश के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिख रही थी अभी तो वह शादी करके हटे थे। घर का खर्चा ,बेटी की पढ़ाई और बेटी की शादी यह सब तो उन्हीं सोचना था और पेंशन से इतना सब कुछ कहां हो पाया यह सोच कर विनय भी परेशान था।

  पर उन्होंने अपने बेटे का मन रखने के लिए यह सब कुछ कह दिया विनय भी परेशान था।
  
  कोयल विनय को समझाने जाती है। विनय परेशान मत होइएगा सब ठीक हो जाएगा।
 
 विनय कोयल पर लगभग चीखते हुए!
 
  "क्या ठीक हो जाएगा कुछ भी ठीक नहीं होगा तुम चली जाओ मेरे सामने से मनहूस कहीं की जब से तुम मेरी जिंदगी में आई हो कुछ ना कुछ हो ही रहा है अब तुम्हारी वजह से ही मेरी नौकरी गई है। मैंने कितनी बार बोला है कि यह अपनी गंदी शक्ल मुझे मत दिखाया कर"।
 
  रेखा रमेश और नंदिनी विनय की नौकरी जाने का इल्जाम भी कोयल के ऊपर डाल देते हैं।
  
  बेचारी को रंग रूप और गरीब घर की होने के कारण इतना सुनना पड़ रहा था वह सोचती है विनय की नौकरी चली गई है इसमें मेरा क्या कसूर हर कोई मुझे ही दोष देता है क्या करूं?
  
थोड़ी   देर    में डोरबेल बजती है।
कोयल दरवाजा खोलने जाती है।
मैं "सिया"
सिया विनय  के पड़ोस मैं रहने वाली लड़की  है वह दोनों बचपन में साथ साथ पढ़ते थे। सिया आगे की पढ़ाई के लिए लंदन चली गई थी।
 अब उसकी पढ़ाई समाप्त हुई है तो वह पड़ोस में अपने दोस्त विनय से मिलने चली आई।
 सिया की आवाज सुनते ही 
अंदर से रेखा चहकते हुए" आओ आओ!

 सिया तुम लंदन से कब आई ?
 सिया
  हंसकर बोलते हुए "अंदर भी आने के लिए कहीं भी बाहर ही सारी बातें करेंगी"।
 
 
हां अंदर आ बता क्या लेगी ठंडा गरम
नहीं नहीं आंटी आप वह सब छोड़िए
आइए बैठ कर बातें करते हैं
यह कौन है क्या यह नई काम वाली है।
रेखा नहीं नहीं काम वाली नहीं" अरे हमारी तो किस्मत ही फूट गई अगर तेरी पढ़ाई पूरी गई हो गई होती तो मैं तो विनय के साथ तेरी शादी कर देती "
यह विनय की पत्नी है मनूहूस कहीं की।

ओह यह विनय की वाइफ है ओ माय गॉड
व्हाट फॉरएवर

सिया आंटी आप तो ऐसा मत कहिए अब तो यह आपके घर की बहू है।
बहू
छी छी यह कोई बहू है इसका तो गला घोंटने का दिल करता है अभी हाल ही में विनय की नौकरी चली गई मनहूस कहीं की।
आंटी ऐसा मत कहिए जैसी भी है है तो आपकी बहू ही ‌
चल आ बैठ तू तो जानती ही है "
मेरी कितनी इच्छा थी कि मैं विनय की शादी तेरे साथ कर दूं। इतनी सुंदर इतनी गोरी सुशील बहू मुझे मिलती।"
या हंसते हुए आंटी आप भी ना
चल बता क्या लेगी
कोयल को डांटते हुए हमारी बातें सुन रही है खड़ी खड़ी जा सिया के लिए मसाला कोल्ड ड्रिंक बना कर ला।
सिया 
आंटी विनय नहीं दिखाई दे रहा कहां है।

"हांँ जा बेटा जा वह ऊपर अपने कमरे में हैं। जा जा मिलले उससे 
तुझसे मिलकर वह बहुत खुश होगा"
तब तक उसकी सास और सिया में जो भी बात हुई थी वह उस ने सुन ली थी ।
मम्मी जी कोल्ड ड्रिंक्स
सिया विनय के कमरे में हैं जा उसको  कोल्ड्रिंक वहीं दे आ।
कोयल विनय के कमरे में कोल्ड ड्रिंक लेकर जाती है।
ओह डार्लिंग
तुम कब आई मैंने तुम्हें कितना मिस किया  विनय मिस तो मैंने भी तुम्हें बहुत किया।
पर तुम्हारी वाइफ
"माय फुट माय वाइफ उसको तो हम इतना टॉर्चर करते हैं सब मिलकर कि वह घर छोड़कर चली जाए।" तुम छोड़ो उसको
फिर तो हम दोनों।
यह सुनकर कोयल में जितनी भी हिम्मत थी सब टूट गई
ससुराल वाले अच्छे नहीं है यह तो उसे पता था पर उसका पति इतना गिर जाएगा यह उसने सपने में भी नहीं सोचा था। यह जानकर कोयल को इस घर में रहने की बिल्कुल भी इच्छा नहीं बची।
जैसे तैसे खुद को संभाला और दरवाजा नोक किया।
अंदर से कौन हो मैं मसाला कोल्ड ड्रिंक लाई हूं दोनों हंसते हुए
 "हमें यह नहीं चाहिए हम दोनों बिजी हैं।तुम ही पी लो"!

कोयल कोल्ड ड्रिंक लेकर वापस आ गई। आज की बात उसके दिमाग से निकल नहीं रही थी वह बेचारी बनकर नहीं रहना चाहती थी।
सिया और विनय की कहानी का क्या होगा,आगे जानने के लिए ......….....
क्रमशः रचनाकार ✍️
मधु अरोरा 





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1 Comments

Reena yadav

30-May-2023 04:31 PM

👍👍

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